5 SIMPLE TECHNIQUES FOR MOVIE REVIEWS IN HINDI

5 Simple Techniques For movie reviews in Hindi

5 Simple Techniques For movie reviews in Hindi

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हंस और हंसिनी को भटकते-भटकते रात हो गयी, तो हंस ने हंसिनी से कहा देखो रात भी गई इसलिए हम किसी भी तरह यहाँ आज की रात बिता लेते हैं, फिर सुबह होते ही यहाँ से चले जायेंगे। 

उनके पीए कैलाश बाबू ने कहा, "जी,इसमें कूलर लगा दिया गया है।" शास्त्री जी ने एक नजर उन्हें देखा और आश्चर्य व्यक्त करते हुए पूछा," कूलर लग गया है? बिना मुझे बताए?..आप लोग कोई काम करने से पहले मुझसे पूछते क्यों नहीं? क्या और सारे लोग जो गाड़ी में चल रहे हैं, उन्हें गर्मी नहीं लगती होगी?" शास्त्री जी ने कहा," कायदा तो यह है कि मुझे भी थर्ड क्लास में चलना चाहिए, लेकिन उतना तो नहीं हो सकता पर जितना हो सकता है, उतना तो करना चाहिए ।"उन्होंने आगे कहा,"बड़ा गलत काम हुआ है, गाड़ी आगे जहाँ भी रुके, पहले कूलर निकलवाइए.

फिर क्या था पंचों ने अपना फैसला सुनाया कि सारे गवाहों और सबूतों को मद्दे नजर रखते हुए पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी, उल्लू की ही पत्नी है। और हंस तत्काल गांव छोड़कर यहाँ से जाये। 

गाँधी जी एक बार अपनी यात्रा पर निकले थे. तब उनके साथ उनके एक अनुयायी आनंद स्वामी भी थे. यात्रा के दौरान आनंद स्वामी की किसी बात को लेकर एक व्यक्ति से बहस हो गई और जब यह बहस बढ़ी तो आनंद स्वामी ने गुस्से में उस व्यक्ति को एक थप्पड़ मार दिया.

उनके शिक्षक ने छात्रो को हिदायत दे रखी थी की निरीक्षक पर आप सब का अच्छा प्रभाव read more पड़ना चाहिए. जब निरीक्षक गाँधी जी की क्लास में आये तो उन्होंने बच्चो की परीक्षा लेने के लिए छात्रो को पांच शब्द बताकर उनके वर्तनी लिखने को कहा.

महर्षि के चेहरे पर प्रतीक्षा का भाव था

Soon after I used to be comfy with all the things I'd acquired, I labored towards opening my cafe, which I named soon after my mom. It has not been without the need of its personal set of challenges, but I don’t regret my decision. I like becoming On this scene and meeting new men and women. I suppose it reminds me of my Mother.”

तभी एक व्यक्ति उस सड़क से गुजरते हुए वृद्धा के पास से निकला, वृद्धा ने उस व्यक्ति को आवाज लगायी और अपने बोझा को उठाने के लिए उस व्यक्ति से मदद की याचना की (मदद मांगी) उस व्यक्ति के चेहरे पर अजीब से भाव उभरे,

यह कहानी अवश्य पढ़े : महात्मा गाँधी जी की शिक्षा

इस प्रसंग से सीख – यह कहानी हमें बताती है की गाँधी जी का ह्रदय कितना विशाल था.

भगवान कृष्ण और सुदामा बचपन के दोस्त थे। जबकि कृष्ण संपन्न और समृद्ध हुए, सुदामा ने ऐसा नहीं किया। वह एक गरीब ब्राह्मण व्यक्ति के जीवन का नेतृत्व करते हैं, जो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक छोटी सी झोपड़ी में रहते हैं। अधिकांश दिनों में, बच्चों को खाने के लिए पर्याप्त नहीं मिलता है जो सुदामा को भिक्षा के रूप में मिलता है। एक दिन, उसकी पत्नी ने सुझाव दिया कि वह जाकर अपने दोस्त कृष्ण से मदद मांगे।

सबसे खूबसूरत बच्चा

लेकिन पिता ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. वह बैठ गये और उनके आँखों से आंसू आ गये.

महामंत्री को राजा का आदेश हर स्थिति में पूर्ण करना था. इसलिए उसने भगवान विष्णु की प्रतिमा निर्मित करने का कार्य गाँव के एक साधारण से मूर्तिकार को सौंप दिया.

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